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Duniya Yadi Swarg Jaisi Hoti: Insaan Ki Zindagi Mein Khushi Ki Talaash

देखा है करीब से हज़ारो लाखो लोगो को,
कतारो मे हज़ारो लाखो खड़े है,
कोई तो कही जाना चाहते है,
कोई तो कुछ खोजी मे लगे हुए है,
कुछ तो ऐश आराम की जिंदगी जी रहे है,
और कुछ दर दर ठोंकर खा रहे है।

हज़ारो लाखो सड़को पे भटक रहे है,
रोते बिलखते लाखो का जिंदगी,
असमानताओं से भरा ये जिंदगी।
ऐसे मे मन मे सवाल पैदा होता है,
दुनिया यदि स्वर्ग जैसा होता।

कल्पना से परे, मानब दुनिया से अलग
भय निद्राहीन, कलुषताहीन वह दुनिया।
रोग ब्यधीहीन, आनंद और उत्साह से भरा वह दुनिया,
चिंता और बिचारो से मुक्त है वह दुनिया।
भूख और प्यासाहीन है वह दुनिया,
जहाँ नहीं है कोई ऊंच, नींच भेदाभेद।

नहीं है कोई कमाने की चिंता,
और नहीं है कर्रिएर बनाने चिंता।
जहाँ के लोग ऊँचा बिचारवाले,
और एक दूसरे को दुखी ना करते हो,
इसीलिए वह दुनिया मानब सभ्यता से दूर
जहाँ के लोगो को देबता कहा जाता है, वह दुनिया है स्वर्ग।

स्वार्थ की दुनिया मे निस्वार्थ कौन,
सेवा भाब मे सेवक कौन,
हर तरफ है अहंकार का दबदबा,
सच्चा सेवक के रूप मे साथी कौन?
बिचारो की दुनिया मे बिचार मायने नहीं रखता,
और बिस्वास करने वालो पर अहसान मायने नहीं रखता।
सभी हीन भाबनाओं से दूर है वह दुनिया
वह है स्वर्ग, वह मानब दुनिया से है काफ़ी दूर।

जिंदगी संवारने के लिए हर दिन करोड़ों लोगों की संघर्ष की कथा,
सफलता और असफलताओं से जूझता यह जिंदगी,
मान और अससम्मान से टालमटोल की यह जिंदगी,
सुख और दुख की घड़ी से बीतता यह जिंदगी,
कई लोगों की कथा और गाथाओ से भरा यह जिंदगी,
टेंशन और चिंता युक्त जटिलताओं से भरा दुनिया यदि स्वर्ग जैसा होता है।

असमानताओं भरा ये जिंदगी, कुछ स्वार्थी ने धन संपत्ति जोड़ रखा है,
धन कुबेरों ने धन जोड़ रखा है, घोटाला करनेवाले घोटाला कर रहे है,
धर्म धुरंधर ने धर्म बेच रहे है, कुछ लोग स्वर्ग जाने का टिकिट बेच रहे है,
मुफ्त खोरो ने फायदे उठा रहे है, नेताओं ने झूठे बादे कर रहे है।
क़ानून ना माननेवाले जो मर्जी सो कर रहे है,
हमे ऐसा दुनिया चाहिए जो दुनिया स्वर्ग जैसा होता।

असामानताओं से भरा ये जिंदगी, ऊंच नींच की भेद मे फसा ये जिंदगी,
जातपात की मकारजाल मे फसा ये जिंदगी,
लोगो ने ये मान बैठा है, वह बुद्धिमान है,
लोगो ने ये मान बैठा है, वह चतुर और बिद्वान है,
भ्रमजाल फंसा यह जिंदगी, सोचे हुए बात बिगड़ जाते हैं,
और कभी ना सोचने वाली बात बन जाते हैं,
यदि ऐसा नहीं होता यह दुनिया स्वर्ग जैसा होता है।

विचारों की महानता ने बांध रखी है,
एलीट, लोअर, poor और high प्रोफाइल मे बांध रखी है,
जातपात की हीन भावनाओं से ग्रसित लोगों को कास्टीज्म बांध रखा है।
बुद्धिजीवियों ने बुद्धि बेच रहे हैं, और कुछ लोग छल चतुरि कर रहे हैं,
धर्म धुरंधर ने धर्म की आड़ मे अपना धंधे कर रहे हैं।
अंधकार में जीने वाले करोड़ों लोग जहालत की जिंदगी जी रहे हैं,
यह दुनिया शायद ऐसा नहीं होता समानताओं से भरा यह दुनिया यदि स्वर्ग जैसा होता है।

विचारों की महानता क्रांति लाई है,
बड़े-बड़े महान लोगों ने अपना विचार बताइए है।
विचारों की महानता ने निर्जीव  से संजीव की ओर चल दिए हैं,
विचारों की महानता ने अंधकार से प्रकाश की ओर चल दिए हैं।
विचार की महानता ने परिवर्तन की दरवाजा खोलते हैं।
विचार की महानता से साम्राज्यवादियों का सिंहासन डोलते हैं।
हमें ऐसे उथल-पुथल दुनिया नहीं चाहिए जहां विचार स्थितिशील नहीं,
हमें शांत, सौम्य और सुन्दर दुनिया चाहिए शायद यह दुनिया स्वर्ग जैसा होता है।

दुनिया यदि स्वर्ग जैसा होता, हर दिन नवीन प्रेम, सुंदरता का उजियारा होता,
प्रेम और शांति से मन हरा भरा रहता है,
हरदम नवीनतम सपनो का संसार होता।
यदि दुनिया स्वर्ग जैसा होता, मानव मन में इतना खाई ना होता,
प्रकृति का सुंदरता सबका ऊपर छाए रहता, खुशियां सबका कदम चूमता।

दुनिया यदि स्वर्ग जैसा होता, बिरह का धुन नहीं बजता,
प्रेम की संगीत हर दिल में छाए रहता, प्रेम की बातें सभी करता।
एकता की मिसाल बने रहता, आत्मानंद की हर कोई लाभ उठाता,
दुख कभी स्पर्श नहीं करता, यह संसार सुखों का होता।

यदि दुनिया स्वर्ग जैसा होता, एक दूसरे का सेवा करता,
सेवा भाव में सबको सुख मिलता, हर कोई यहां सहायक होता।
जीवन का सुख सर्वोत्तम होता, यह सुख का बन जाता मिशाल,
प्रेम और शांति की ध्वनि हर किसी के दिलों में बहता,
इस दुनिया की धरती पर स्वर्ग का सुख अनुभव होता,
शायद यह दुनिया स्वर्ग जैसा होता।

"Digital illustration for 'Duniya Yadi Swarg Jaisi Hoti: Insaan Ki Zindagi Mein Khushi Ki Talaash', exploring happiness, unity, and peace in life."

प्रस्तावना:-
यह संसार स्वर्ग जैसा है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस संसार की उन विशेष बातों पर चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से यह संसार अभी स्वर्ग जैसा नहीं है। साथ ही हम जीवन की गहराइयों तक पहुँचेंगे, जो हमारी कमियों को उजागर करती हैं और वास्तविक पहचान सामने लाती हैं।

🌸 सौंदर्य का प्रतीक:-
सौंदर्य मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
आपसी कलह और टकराव हमारे जीवन की सुंदरता को ढक देते हैं।
जब हम विकारों को दूर कर समाज में निखरते हैं, तभी सौंदर्य की असली झलक दिखती है।
👉 समाज को सुखी और शांतिपूर्ण बनाने के लिए हर व्यक्ति को स्वयं को सुधारना होगा।

⚖️ समानता का आधार:-
समानता पर आधारित समाज ही वास्तविक समाज है।
जब सभी को समान अधिकार और अवसर मिलते हैं, तभी संसार स्वर्ग जैसा बन सकता है।
समानता ही सभी के लिए खुशी की परिभाषा है और यही प्रकाश इस संसार को मार्गदर्शन देता है।

🤝 सेवा भावना और आपसी विश्वास:-
सेवा भावना और आपसी विश्वास एक सुंदर और सामंजस्यपूर्ण समाज की नींव हैं।
यदि हम सेवा और विश्वास को अपनाएँ, तो हम एक सभ्य और स्वर्ग समान संसार बना सकते हैं।

🕊️ एकता का उदाहरण:-
आनंद और प्रगति केवल एकता में ही संभव है।
मतभेद और विभाजन हमेशा प्रगति में बाधा डालते हैं।
एकता का उदाहरण ही यह सिद्ध कर सकता है कि संसार वास्तव में स्वर्ग जैसा बन सकता है।

😊 मित्रतापूर्ण व्यवहार:-
मित्रतापूर्ण और सौहार्दपूर्ण व्यवहार भाईचारे और एकता को बढ़ाता है।
यदि संसार स्वर्ग जैसा होता, तो सबसे बड़ा सबक यही होता कि हर परिस्थिति में सौहार्द बनाए रखें।
सामंजस्य किसी भी वातावरण को बदलने की शक्ति रखता है।

🌈 परम सुख की अनुभूति:-
स्वर्ग जैसे संसार में प्रेम, भाईचारा और उच्च विचारों का वास होगा।
न कोई चिंता होगी, न करियर का दबाव, न लड़ाई-झगड़े।
ऐसा संसार हमें परम सुख की अनुभूति कराएगा और हमें स्वर्ग का अहसास दिलाएगा।

🏆 निष्कर्ष:-
संसार को स्वर्ग जैसा बनाने के लिए हमें:
सभी मानवीय व्यवहारों को अपनाना होगा।
समानता पर आधारित समाज बनाना होगा।
सेवा भावना और आपसी विश्वास को मजबूत करना होगा।
एकता और मित्रतापूर्ण व्यवहार को जीवन का आधार बनाना होगा।

👉 तभी हम परम सुख की अनुभूति कर सकते हैं और कह सकते हैं कि यह संसार वास्तव में स्वर्ग जैसा हो सकता है।

प्रस्तावना :- यह संसार स्वर्ग जैसा है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस संसार की उन विशेष बातों पर चर्चा करेंगे, जिनकी वजह से यह संसार अभी स्वर्ग जैसा नहीं है। यह संसार की एक अलग पहचान को उजागर करेगा। साथ ही हम जीवन की उन गहराइयों तक पहुँचेंगे, जो हमारी कमियों को सामने लाती हैं और इस संसार की वास्तविक पहचान को प्रकट करती हैं।

सौंदर्य का प्रतीक :- सौंदर्य मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा है। आपसी कलह या टकराव के कारण हम अपने जीवन की सुंदरता को भूल जाते हैं। जब हम विभिन्न विकारों और आपसी कलह को दूर कर समाज में चमकते हैं, तब हमारा सौंदर्य निखरता है। समाज को सुखी और शांतिपूर्ण बनाने के लिए हमें स्वयं को सुधारना होगा और सौंदर्य का प्रतीक बनना होगा। तभी हम कह सकते हैं कि यह संसार स्वर्ग जैसा बन सकता है।

समानता का आधार :- हम एक ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं जहाँ सभी लोगों को समान अधिकार मिले। और यही समानता पर आधारित वास्तविक समाज की पहचान है। यह संसार स्वर्ग जैसा हो सकता है। इस लेख से भी हमें यही आभास होता है कि यह समानता पर आधारित संसार की बात करता है। समानता का आधार सभी के लिए सुख की परिभाषा है। समानता का आधार इस संसार के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश हो सकता है, जो इस संसार को स्वर्ग जैसी सुखद अनुभूति दिला सकता है।

सेवा भावना और आपसी विश्वास :- एक सुंदर सामाजिक व्यवस्था और सामंजस्यपूर्ण विश्व बनाने के लिए सेवा भावना और आपसी विश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संसार में स्वर्ग जैसी स्थिति बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सेवा भावना अपनानी होगी और आपसी विश्वास को मजबूत करना होगा। सेवा और आपसी विश्वास के माध्यम से हम एक सुखी और सभ्य समाज बना सकते हैं, जो इस संसार को स्वर्ग जैसा महसूस कराएगा।

एकता का उदाहरण :- आनंद का अनुभव केवल एकता के उदाहरण में ही किया जा सकता है। आपसी विवादों को भूलकर एकता इस संसार में शाश्वत रूप से लाभदायक है। बंटे हुए समाज में हमेशा मतभेद देखने को मिलते हैं, जो किसी भी प्रगति में बाधा बनते हैं। यह सिद्ध करने के लिए कि यह संसार स्वर्ग जैसा हो सकता है, एकता का उदाहरण प्रस्तुत करना आवश्यक है।

मित्रतापूर्ण व्यवहार :- मानव समाज में सबसे बड़ा सबक यह है कि हमें मित्रतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। सभी को हर समय मित्रतापूर्ण व्यवहार करने का प्रयास करना चाहिए। किसी भी वातावरण या परिस्थिति को बदलने में सामंजस्य बहुत महत्वपूर्ण है। यदि यह संसार स्वर्ग जैसा होता, तो इस पोस्ट में हमें यही सबक मिलता कि किसी भी सामंजस्यपूर्ण समाज में एकता बढ़ाने में मित्रतापूर्ण व्यवहार मददगार होता है। मित्रतापूर्ण व्यवहार भाईचारे को भी बढ़ाता है।

परम सुख की अनुभूति :- यदि यह संसार स्वर्ग जैसा होता, तो इस ब्लॉग पोस्ट में हम एक ऐसे संसार की कल्पना कर रहे हैं जो परम सुख की अनुभूति कराए। ऐसा संसार जहाँ लोग उच्च विचारों वाले हों, जहाँ प्रेम, भाईचारे और एकता का उदाहरण हो। हम ऐसा संसार चाहते हैं जो किसी भी तनाव या चिंता से मुक्त हो, जहाँ करियर बनाने की चिंता न हो, न ही लड़ाई-झगड़े हों। हम ऐसा संसार चाहते हैं जो हमें परम सुख की अनुभूति कराए और हमें स्वर्ग का अनुभव कराए।

निष्कर्ष :- यदि यह संसार स्वर्ग जैसा होता, तो इस ब्लॉग पोस्ट के निष्कर्ष में हमें यह शिक्षा मिलती है कि संसार को स्वर्ग जैसा बनाने के लिए सभी मानवीय व्यवहारों को अपनाना होगा। साथ ही, एकता का उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। सेवा भावना और आपसी विश्वास को अपनाकर, सौंदर्य का प्रतीक बनकर और समानता पर आधारित समाज का निर्माण करने के साथ-साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करने का प्रयास करना चाहिए। तभी परम सुख की अनुभूति हो सकती है और हम कह सकते हैं कि हम इस संसार को स्वर्ग जैसा बना सकते हैं।

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