संसार में हर कोई लगे हैं एक दूसरे को हराने में,
कहीं ये लड़ाई मुद्दों की है,
तो कहि ये लड़ाई जीत की है,
कहीं यह लड़ाई साठ गाठ की,
तो कहीं यह लड़ाई एक दूसरे के ऊपर हावी होने की है।
कही ये लड़ाई जातपात की है,
तो कही ये लड़ाई धाक ज़माने की है।
हर कोई लड़े जा रहे है,
कुछ पाने के लिए, तो कुछ हासिल करने के लिए।
आम लोगो की जिंदगी जीने की लड़ाई,
कोई तो मसाला डाले है और मजा किसी और को है।
आम जनता को भ्रमित कर,
सत्ताधारिओं की सत्ता हाथियाने की लड़ाई,
या गली मोहल्ले की लड़ाई, हर कोई लड़े जा रहे है।
हर घर की, हर दिन की लड़ाई, या गली मोहल्ले की लड़ाई
आखिर ये लड़ाई क्यू जारी है।
संघर्षरत जीबन मे जिंदगी सवारने की लड़ाई,
कुछ तो अहसास देता है, कुछ सपने सजाने की
कुछ तो हार होते होते जितने की लड़ाई।
जिंदगी जीने की मजा आ जाय, लड़कर पाने की मजा आ जाय,
जिंदगी एक रोमांच से भरा हो तब सपने साकार करने की लड़ाई।
जब चोर पुलिस की लड़ाई मे बाजी मारे कौन?
सत्ताधारिओं की सत्ता की लड़ाई असली खिलाड़ी कौन?
लड़ाई की ये उधम मची है, आगे निकलने की होड़ मची है।
मानबता, उदारता की महत्व नहीं है,
एक दूसरे को पछाड़ने की होर मची है।
कई ने बाजी जीतते जीतते हार गई,
और कई हारे हुए बाजी जीत जाति है।
कई लोग उद्दंडता से जीतना चाहते हैं,
और कई लोग सताए हुए है, जीना उनके मज़बूरी है।
उददंडता और सताए हुए लोगो मे असली बिजयी कौन?
संघर्ष हम बहुत करते है, कई बार मन से संघर्ष करते है,
तो कई बार धन से या बुद्धि से या छल, बल से,
और तो कई बार हम बुरी शक्ति से जितने की प्रयास करते है।
असली लड़ाई तो तब होती है जब हम बुरी स्तिथि से लड़कर जीत जाते है।
संघर्ष जीवन की आधार है, संघर्ष जीवन की सार
कभी यह संघर्ष नैतिकता पर होता है,
तो कभी यह संघर्ष सिर्फ जीत की होती है,
और जीवन की बाजी लगाने वालों के लिए यह संघर्ष एक इम्तिहान है।
संघर्ष परिवर्तन लाते हैं, संघर्ष क्रांति लाते हैं,
छल, बल से जितनेवालो के लिए नैतिकता मायने नहीं रखता।
यह एक अघोषित लड़ाई जो आदिकाल से जारी है,
यह एक स्वतंत्रता की लड़ाई जो अबतक जारी है।
यह अंधकार को हराकर प्रकाश की ओर बढ़ने की लड़ाई जो जारी है,
यह लड़ाई अन्याय को हराकर जीत दिलाने की जो अब तक जारी है।
यह लड़ाई सत्य की प्रतिष्ठा की है,
और तो यह लड़ाई विकारों को हराकर मन की सच्चाई प्रतिष्ठा की है।
सर्व परी यह लड़ाई मुक्ति की है जो अब तक जारी है,
इन सभी लड़ाईओ में असली बिजयी कौन?
सत्ता की गलियारों में हर पार्टी अपना द्वाब चालते हैं,
सत्ता को हथियाना के लिए कूटनीति की चालते हैं।
सत्ताधारी सत्ता को बनाए रखने के लिए साम दाम दंड की नीति अपनाते हैं,
सत्ता को हथियाना के लिए हर पार्टी की मोर्चाबंदी की लड़ाई जो नेक नीति को धूलिस्यत कर देते हैं।
आंतरजातिक कूटनीति में गुट बाजी की लड़ाई सिर्फ जीत मायने रखता है,
आखिर इन सभी लड़ाई में असली बिजयी कौन?
न्याय की बात बिरले करें, न्याय की लड़ाई बिरले लड़े,
न्याय के लिए त्याग बिरले करें, न्याय की प्रतिष्ठा बिरले करें।
अन्याय को समाप्त कर धर्म की प्रतिष्ठा कोई बिरल ब्यक्ति करते है,
जीबन एक बाजी है सोच समझकर लगाना पड़ता है।
आखिर मानबता की लड़ाई सबसे बड़े बाजी है,
जीबन की हित मानबता मे ही है,
यही सबसे बड़ी जीत, सबसे बड़ी न्याय और सबसे बड़ा मानब धर्म है।
बिजयी कौन? जीवन की एक बाजी
हर कोई इसे खेलता है, कोई धन के लिए, कोई यश के लिए,
सच्ची जीत अंतर्मन की क्षमताओं को भापकर सफलता की राह पकड़ना।
संघर्ष से भरा जीवन, जीवन की हर बात पर बिजयी कौन?
संघर्ष के बाबजूद जो हौसले को बुलंद कर, सच्चाई की राह पकड़कर अपनी मंजिल तक पहुंचाते हैं।
बिजयी कौन? आओ इस प्रश्न की समाधान करें,
जो नहीं थकता, नहीं हारता, आंखों में उम्मीद की किरण,
आत्मविश्वास जिनकी ऊंचा हो, इस बाजी में हारे नहीं, जीत है विचारों की,
जो स्वयं को पहचानता हो, अपनी ताकत को पहचान कर, अपना पहचान बनाते हो।
इस ब्लॉग पोस्ट में "कौन होता है विजयी?" विषय पर हम उन जीवन संघर्षों की बात करेंगे जिनका सामना हर इंसान को करना पड़ता है। हम यह भी जानेंगे कि संघर्ष किस प्रकार हमें सुधारने का अवसर देता है, और एक बेहतर भविष्य गढ़ने के लिए हमें किन संघर्षों से गुजरना पड़ता है। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि संघर्ष को पहचानना क्यों ज़रूरी है और संघर्ष हमें ऊँचाइयों तक पहुँचने में कैसे मदद करता है।
संघर्ष की कहानी:-
कौन होता है विजयी? इस ब्लॉग पोस्ट में हम यह भी देखेंगे कि हर व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी रूप में संघर्ष की कहानी होती है। हर क्षेत्र में किसी न किसी को संघर्ष करना पड़ता है। इन संघर्षों की कहानियाँ हमें प्रेरणा देती हैं और बेहतर करने के लिए उत्साहित करती हैं। संघर्ष की कहानियाँ हमें खुद को निखारने का अवसर भी देती हैं।
मन का संघर्ष:-
हमारे सभी कार्य मन से जुड़े होते हैं। कई बार हम कोई काम करने से पहले कई बार सोचते हैं। और कई बार किसी काम को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं — करें या न करें। इस मानसिक दुविधा को पार करने के लिए हमें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। यह ब्लॉग पोस्ट हमें सिखाती है कि बिना संघर्ष के कोई भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता।
हर घर का संघर्ष:-
आजकल लगभग हर घर में किसी न किसी रूप में संघर्ष की कहानी होती है। जीवन की कठिनाइयों ने सभी को संघर्ष में धकेल दिया है। यही कारण है कि हर घर में टकराव देखने को मिलता है। यह टकराव कभी-कभी बिना किसी कारण होता है, तो कभी अहंकार के कारण। हर घर का यह संघर्ष एक नए प्रकार की होड़ को जन्म देता है कि कौन दूसरों को पछाड़कर आगे बढ़ सकता है।
सामाजिक संघर्ष:-
सामाजिक स्तर पर भी हर व्यक्ति एक-दूसरे से संघर्ष कर रहा है। समाज में आगे बढ़ने और सम्मान प्राप्त करने के लिए हर किसी को संघर्ष करना पड़ता है। आज के समय में सामाजिक संघर्ष बहुत व्यापक हो गया है। समाज का हर वर्ग एक-दूसरे पर प्रभुत्व जमाने या अपने विचार थोपने के लिए सामाजिक संघर्ष कर रहा है। और इस संघर्ष में आखिर विजयी कौन होता है?
राजनीतिक संघर्ष:-
राजनीतिक संघर्ष भी आज बहुत व्यापक हो गया है। राजनीतिक दल सत्ता पाने के लिए तरह-तरह की रणनीतियाँ अपनाते हैं। इसमें अच्छी नीतियाँ गौण हो चुकी हैं। सत्ता में बैठे लोग अपनी सत्ता को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राजनीतिक संघर्ष किसी भी देश या समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इस राजनीतिक संघर्ष ने सामाजिक और राजनीतिक वातावरण को अशांत बना दिया है।
विचार थोपने का प्रयास:-
आजकल विचार थोपने की कोशिशें भी संघर्ष का रूप ले चुकी हैं। हर कोई अपने विचार दूसरों पर थोपना चाहता है, चाहे वे सही हों या गलत। इस प्रक्रिया में पुराने विचारों को नकारकर नए विचार थोपने की कोशिश की जाती है। विचार थोपने की इस प्रक्रिया में एक प्रकार की कट्टर मानसिकता भी देखने को मिलती है। और इस विचारों के संघर्ष में आखिर विजयी कौन होता है?
धार्मिक संघर्ष:-
इस ब्लॉग पोस्ट में हम यह भी देख सकते हैं कि दुनिया में कई समूह अपने धार्मिक विचार फैलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हर कोई किसी न किसी रूप में इस धार्मिक संघर्ष में शामिल है। धार्मिक संघर्ष अब कट्टरता का रूप ले चुका है। और हर कोई इस संघर्ष में विजयी होना चाहता है। लोगों ने धर्म को गलत तरीके से समझकर इसे एक प्रकार का युद्ध बना दिया है।
विकारों से मुक्ति का प्रयास:-
आजकल मनुष्य अनेक प्रकार के विकारों से ग्रस्त है। लेकिन केवल कुछ लोग ही इन विकारों से छुटकारा पाने का प्रयास करते हैं। विकार मानव समाज के लिए एक बड़ी समस्या है। लोग इनसे छुटकारा पाने के लिए अनेक उपाय सोचते हैं — कोई संत महात्माओं के पास जाता है, तो कोई इलाज कराता है। सामान्य मनुष्य ही विकारों से मुक्त होने के प्रयास कर सकता है — और इसमें विजयी कौन होता है?
मुक्ति पाने का प्रयास:-
विद्वानों का कहना है कि मानव जीवन बहुत भाग्य से प्राप्त होता है, और इस जीवन में अनेक संघर्षों के बाद मुक्ति (मोक्ष) पाने का प्रयास करना चाहिए। मुक्ति की प्राप्ति कोई आसान कार्य नहीं है। इसके लिए सभी दोषों और बुराइयों से मुक्त होना भी ज़रूरी है। यह भी एक कठिन युद्ध है, और हर कोई यह युद्ध नहीं लड़ सकता। और आखिरकार इस संघर्ष में कौन विजयी हो सकता है?
एक महान इंसान बनकर उभरना:-
मानव जीवन की वास्तविक लड़ाई एक महान इंसान बनकर उभरने की होती है। युगों से समाज में अनेक महान व्यक्तित्व आए हैं। उन्होंने समाज को सही दिशा देने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष किया है। महान इंसान बनना एक बहुत बड़ी चुनौती है, और हर कोई यह चुनौती स्वीकार नहीं कर सकता। जो भी यह चुनौती स्वीकार करता है, उसे समाज की अनेक बाधाएँ तोड़कर आगे बढ़ना पड़ता है। जो इन सभी संघर्षों से लड़कर जीतता है, वही सच्चा विजेता होता है।
निष्कर्ष:-
कौन होता है विजयी? यह लेख हमें सिखाता है कि जीवन में कोई भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता जब तक वह किसी चुनौती को स्वीकार नहीं करता या किसी संघर्ष में भाग नहीं लेता। यही जीवन की परीक्षा है, जो स्वयं को निखारने का अवसर देती है। इस लेख के निष्कर्ष में हम यह भी सीखते हैं कि एक साधारण इंसान से महान इंसान बनने की यात्रा एक कठिन युद्ध है — और केवल कुछ लोग ही इस युद्ध में विजयी हो पाते हैं।
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