युद्ध कि बिभिसीखा बढ़ रहे है मानब जीबन त्रस्त हो रहे है,
किसका ये खयाल है, कौन सा ये मजाल है,
सभी ने लगे पड़े है,सभी लगे है युद्ध युद्ध खेलने मे,
सुन्दर ये धरती आज है बड़ी संकट मे।
किसका ये चाल है, कोनसा ये मोहरा, कौन चाले चाल रहे है,
बारूद कि धुएँ भर रहे मानबता आज बड़े संकट मे।
किसका ये खयाल है, कौन सा ये मजाल है,
सभी ने लगे पड़े है,सभी लगे है युद्ध युद्ध खेलने मे,
सुन्दर ये धरती आज है बड़ी संकट मे।
किसका ये चाल है, कोनसा ये मोहरा, कौन चाले चाल रहे है,
बारूद कि धुएँ भर रहे मानबता आज बड़े संकट मे।
त्रस्त वह लोग है, बिनाशलीला जारी है,
युद्ध प्रेमिओ को कब खयाल आएगा,
मानबजीबन का बिनाश हो रहे है।
युद्ध प्रेमिओ ने खलल डाली है, शांति से जीनेवाले लोगो पर,
बुरा असर डाली है नन्हे मुन्हे बच्चो पर, सो नही पा रहे है बिस्तर पर।
असर डाली है आम जीबन पर, संकट आयी है सभी पर,
बारूद का धुएँ ने दम घुटा रहे है सभी का,
जिंदगी का क्या मोल है जो जीना आसान नही किसीका।
संसार आज चरम संकट मे है, और वह संकट है मानबता की,
मानबता को जानना, मानबता को समझना अति सरल बात,
मानबता की कोई बात करें यही बिरल बात,
लोक दिखाबा करें सभी मानबता बादी का भरमार है,
सच्ची सेवा बिरल ब्यक्ति करें वह मानबताबादी है।
संसार की भयाबहता मे किसका दिल कांप उठा,
किसने उन पीड़ितों को नजदीक से देखा,
किसने उन लोगो की दर्दनाक हालत को देखा,
किसने उस जमीन की धधक्ति आग को देखा,
किसने मानबता को तार तार होते हुए देखा,
मानबता आज मज़ाक बनकर रह गए,
शायद ही कोई मानबताबादी हो पाए।
धर्म और मजहब की नामपर जो अंधे हो गए,
क्रूरता की जिन्होंने हद पार कर दी है,
धर्म की आड़ लेकर जो लोग मानबता की हत्या की है,
क्रूरता की भयाबहता और वीभत्सता का जो लोग शिकार हुए,
सम्बेदना और सहमर्मिता आज एक मज़ाक है,
आज जरुरत है मानबता को जगाने की।
मानबता आज बड़ी संकट मे, जब धर्म के नामपर अधर्म बढ़ते है,
प्रथा के नामपर कुप्रथा बढ़ते है,
बिस्वास के नामपर अंधबिस्वास बढ़ते है,
बिचार के जगह कुबिचार बढ़ते है,
और न्याय के जगह अन्याय बढ़ते है,
और तो और मानबता की हत्या तब होती है,
जब प्रतिबादी चेहरा अन्याय को देखकर खामोश हो जाते है।
आपके पास कहने के लिए कुछ बाते होंगी,
आपके पास कहने के लिए सुन्दर शब्द होंगी,
और दूसरे को समझाने के लिए सुन्दर बाक्य भी होंगी,
शायद बहुत कम लोग ही जीबन की बुनियाद पर खड़े उतरे,
और बहुत कम लोग ही न्याय को अपनाते है,
मानबता सबके लिए है, लेकिन मानवतावादी शायद ही कोई होते हैं।
युद्ध उन्मादी ने मानबता को रौद दी है,
युद्ध उन्मादी के मन मे युद्ध का खयाल भरे है,
मानबता को रौदकर जिन्होंने धाक जमाई है,
मानबता को हाथियार बनाकर जिन्होंने खेल खेला है,
मानबता को हरदिन रौदा जाता है नींच स्वार्थ के लिए,
मानबता तब मज़ाक बनता है जब मानबताबाद का ढोंग कुछ लोग दिखाबा करते है,
आज के समय मे मानबताबादी भाबना हर किसीके दिल से लुप्त हो रहे है।
मानबाधिकार मानवता में बड़ा मुद्दा है,
हर कोई इस मुद्दे को भुनाते रहता है,
हर पार्टी मानवाधिकार को ढाल बनाते हैं,
हर पार्टी वोट पाने के लिए मानवाधिकार को मुद्दा बनाते हैं,
मानवाधिकार की मुद्रा को हर कोई बनाए रखना चाहता है,
मानवता को बचाने के लिए हर कोई यहां ढोंग करते हैं।
आखिर मानबता, मानबताबाद और मानबताबादी कुछ लोगो के लिए ढोंग है,
और कुछ बिरल लोगो के लिए जीबन की बुनियाद है,
सच्चे मानव दिलो दिमाग से कौन बने? असली मानवतावादी कौन बने?
मानवता की विजय तभी होते हैं जब हमदर्द एक दूसरे के लिए,
मानबता की बिजय तभी होता है जब धरती की एक कोने की दर्द को दूसरे कोने की लोग महसूस करें।
मानबता अति सुन्दर है, मानबता मे ही है प्यार,
मानबता जीबन की नीब है, मानबता मे ही है आधार।
मानबता जीबन मे शांति लाते है, मानबता सिखाते है नेक,
मानबता दर्द भुलाते है, करते है सभी को एक।
मानबता सुख देता है, महसूस कराते है अपनापन,
मानबता दूर को नजदीक बनाते है, करते है माहौल को मिठापन।
मानबता जीबन की जीत है, मानबता जीबन की प्रीत,
मानबता जीबन की गहरा सार है, मानबता ही जीबन का बड़ा गीत।
मानबता जीबन की ओसूल है, जो करें मानबता की बात,
सच्चा जीत उसकी होती है, जिसके परिचय है मानबताबाद।
मानबता जीबन की लय है, मानबता जीबन की रीत,
जो भी मानब मानबता की सख़्ती से पालन करें,
वह महामानब करते है अपने जीबन की जीत।
मानवता का अनावरण: दया और जुड़ाव के क्षण:-
मानवता हर व्यक्ति के हृदय से गहराई से जुड़ा एक विषय है। मानवता हर किसी का मामला है। मानवता। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम मानव जाति पर मानवता के विशाल प्रभाव पर चर्चा करेंगे। हम इस बारे में भी बात करेंगे कि मानवता को मानव जीवन में कैसे अच्छे उपयोग में लाया जा सकता है। यह मानवता की पहचान का भी खुलासा करेगा।
मानवता का परिचय:-
मानव जाति के उदय के साथ ही मानवता का परिचय हुआ है। मानवता एक विशेष व्यवहार है जिसे हम चलते-फिरते, उठते-बैठते और अपने कार्यों और शब्दों के माध्यम से करते हैं। बहुत से लोग अपने विचारों, शब्दों और कर्मों से या किसी को परेशानी में देखकर उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाकर मानवता दिखाते हैं; यह भी मानवता का एक प्रदर्शन है। मानवता केवल एक व्यक्ति के लिए किया जाने वाला व्यवहार नहीं है; यह सभी पर लागू होता है। किसी को परेशानी में देखकर किसी व्यक्ति, सेमिनार, संगठन या सरकार के माध्यम से सहायता प्रदान करना मानवता का एक उदाहरण है।
मानवता जीवन का आधार है:-
मनुष्यों के लिए, मानवता जीवन का आधार है। मानवता जीवन का ऐसा पहलू है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मानवता के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मानवता जीवन के मुख्य विषयों में से एक है, जो हमारे जीवन के हर पल में घटित होती है, या यह हमारे द्वारा किए जाने वाले किसी भी कार्य के लिए एक विशेष व्यवहार है। एक तरह से, मानवता जीवन का आधार है।
मानवता की गहराई:-
मानवता एक ऐसा विषय है जो मानव मन से गहराई से जुड़ा हुआ है। मानवता की गहरी समझ व्यक्ति को बुद्धिमान और ज्ञानी बनाती है। मानवता को गहराई से समझना और तदनुसार व्यवहार करना व्यक्ति को नाम और प्रसिद्धि दिला सकता है। व्यक्ति जितनी अधिक मानवता की गहराई को समझता है, उतना ही वह मानवतावादी बनता है। आज के समय में मानवता की गहराई को समझने और तदनुसार व्यवहार करने की आवश्यकता है।
मानवता का विकास:-
मानवता का विकास एक सतत प्रक्रिया है। मानवता युगों से विकसित हुई है और आज के आधुनिक युग तक पहुँच गई है। मानवता जितनी अधिक विकसित होगी, मानव जाति उतनी ही अधिक सभ्य और सुचारु रूप से आगे बढ़ेगी। आज के समय में समाज का विकास मुख्य विषय होना चाहिए, और अनुसंधान का ठीक से पालन किया जाना चाहिए। यह मानवता के विकास के माध्यम से लोगों के बीच भाईचारा बढ़ाने में मदद करता है।
मानवता ही जीवन है:-
मानवता एक ऐसा व्यवहार है जिसके बिना जीवन की गति रुक जाएगी। और हम मानवता के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। मानवता जीवन को संतुष्टि देती है। मानवता जीवन को उच्च ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करती है। इसीलिए मानवता ही जीवन है। मानवता जीवन को परम सुख और सुंदरता देती है। और मानवता किसी भी समाज या राष्ट्र की प्रगति में मुख्य भूमिका निभाती है।
मानवीय गुणों का विकास:-
किसी भी स्थिति में समाज, राष्ट्र या मानवता की मदद करने के लिए मनुष्यों में मानवीय गुणों का विकास किया जाना चाहिए। हम सभी को मानवता के हित में काम करना चाहिए ताकि मानवता के लिए मानवीय गुणों का विकास हो सके। मानव जाति के निरंतर विकास के लिए, मानवीय गुणों को अधिक से अधिक अपनाना होगा, और अमानवीय गुणों को छोड़ना होगा। मानवीय गुणों का जितना अधिक विकास होगा, देश और समाज उतना ही अधिक प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा।
मानवतावादी बनें:-
मानवता वह व्यवहार है जिसकी हर इंसान एक-दूसरे से अपेक्षा करता है। इसलिए हर व्यक्ति को मानवतावादी बनना चाहिए। यदि हम मानवतावादी बनते हैं, तो हम एक-दूसरे के प्रति अधिक संवेदनशील होंगे। और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करेंगे, तथा संकट में एक-दूसरे के साथ खड़े भी हो पाएंगे। सभी को अपने भीतर मानवता की भावना को जगाने की आवश्यकता है। बुरी भावनाओं और व्यवहार से बचने के लिए, हमें मानवतावादी बनना चाहिए।
मानवता का संवर्धन और प्रचार:-
विश्व में मनुष्यों के कल्याण के लिए मानवता का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना होगा। लोगों को मानवता का मूल्य समझना होगा और मानवता को बचाने के लिए व्यापक रूप से काम करना होगा। मानवता को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए मानवीय मूल्यों को सर्वोच्च रखना चाहिए। और समाज के सभी मनुष्यों और वर्गों के साथ समन्वय स्थापित होगा। जब हम आंतरिक रूप से मानवीय मूल्यों को महत्व देंगे, तो मानवता को बढ़ावा देने और फैलाने में सहयोग मिलेगा।
मानवाधिकारों का संरक्षण:-
इस ब्लॉग पोस्ट में, मानवाधिकारों का संरक्षण एक मुख्य विषय है। मानवाधिकारों के संरक्षण के बिना मानवता पूर्ण नहीं हो सकती। आज, दुनिया में मानवाधिकारों का उल्लंघन एक बड़ा संकट बन गया है। मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उन सभी असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाना होगा। समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए मानवाधिकारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।
मानवता की विजय:-
इस दुनिया में मानवता की विजय ही वास्तविक विजय है। आज दुनिया में, मानवता की विजय को लेकर एक बड़ा संकट है। आज हर कोई मानवता की विजय की बात करता है, लेकिन क्या मानवता विजयी है? हमें हीन भावना और हीन मानसिकता पर काबू पाना होगा और मानवता की विजय को मानना होगा। असामाजिक और बुरी शक्तियों को दबाकर, मानवता विजय प्राप्त कर सकती है।
निष्कर्ष:-
इस ब्लॉग पोस्ट के निष्कर्ष में, मानवता हमें सिखाती है कि मानव कल्याण को ध्यान में रखे बिना मानवता जीत नहीं सकती। समाज और देश की प्रगति के लिए मानवता की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे मानवता आगे बढ़ेगी, अधिक से अधिक लोगों को मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय होना होगा। मानवता की रक्षा के लिए व्यापक रूप से शोध करना होगा, और लोगों को मानवतावादी बनने के लिए प्रेरित करना होगा।
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