सस्ते नहीं है ये आजादी बहुत कीमत चुकाई है,
हर इंसान की ख्वाहिश है आजादी,
खुलकर जीने का नाम है आजादी,
खुलकर हंसने का नाम है आजादी,
खुलकर बीचरण का नाम है आजादी।
हर इंसान की ख्वाहिश है आजादी,
खुलकर जीने का नाम है आजादी,
खुलकर हंसने का नाम है आजादी,
खुलकर बीचरण का नाम है आजादी।
स्वतंत्रता का ज्ञान है सजाना,
स्वतंत्रता का बात करते रहना,
दूसरे को भी गले लगाना,
सब को जीने का अधिकार देना,
नेकी विचारों की दुनिया है बसाना।
आजादी है मन की बंधन छुड़ाना,
सबको सम्मान के साथ जीने का अधिकार देना,
विचारों की रास्ते पर चलकर सच्चाई में अटूट रहना,
भूल कर जिन्होंने दुश्मनी की है उन्हें सही रास्ता दिखाना।
समाज में भेदभाव मिटाने का नाम है आजादी,
सभी को सम्मान के साथ सभी विचारों का एक करने का नाम है आजादी,
राष्ट्रीय एकता के लिए संघर्ष करना है आजादी,
भ्रष्टाचार और अन्य बुराइयों से छुटकारा है आजादी।
हर स्त्री पुरुष का समान अधिकार है आजादी,
समाज में सभी को समानता देना है,
सभी को शिक्षा स्वास्थ रोजगार की व्यवस्था जरूरी है आजादी,
हर इंसान को मिले न्याय यही है आजादी।
स्वच्छता और पर्यावरण की रक्षा है आजादी,
सुंदरता से भरी यह धरती उसे सवरने का नाम है आजादी,
नदियों की बहते रहना चाहिए और जंगलों की संरक्षित करने का नाम है आजादी,
धरती माता को सुरक्षित रखना यही जिम्मेदारी देती है आजादी।
धार्मिक स्वतंत्रता देती है आजादी,
प्रेम और भाईचारे का मिसाल बनाती है आजादी,
एक दूसरे के साथ रहकर जीने का नाम है आजादी,
सभी धर्मों के लोग रहते हैं यहाँ सभी का दिल जीतने का नाम है आजादी।
समाज में और लोकतंत्र में सबकी भागीदारी का नाम है आजादी,
और बांक स्वाधीनता की नाम है आजादी,
न्यायपालिका की न्यायिक आजादी, मीडिया की स्वतंत्रता,
यही है समृद्धि का सार यही है समाज का आधार।
आजादी है विचारों की भावनाओं की सबको मिला है यह स्वतंत्रता,
सोचो समझो विचार करो, आजादी नहीं है कोई साधारण मूर्ति,
आजादी एक अमूल्य धरोहर है, सबको इसे बचाना है,
सस्ते में नहीं मिली कोई आजादी बहुत कीमत चुकाई है।
1. आज़ादी का मूल्य और महत्व:-
आज़ादी इंसान का सबसे बड़ा सपना है, लेकिन यह सस्ती नहीं है। इसके लिए असंख्य बलिदान और संघर्ष हुए हैं। स्वतंत्रता हमें खुलकर जीने, हंसने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर देती है। आज़ादी का असली महत्व तब समझ आता है जब हम इसे खोने के डर को महसूस करते हैं। हर नागरिक के जीवन में इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। यह केवल बाहरी बंधनों से मुक्ति नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वतंत्रता का प्रतीक है। हमें इसे केवल याद नहीं रखना, बल्कि हर दिन अपने कार्यों में संजोना और सुरक्षित रखना चाहिए।
2. सामाजिक समानता और न्याय:-
सच्ची आज़ादी वही है जिसमें हर इंसान को बराबर का अधिकार मिले। समाज से भेदभाव, जाति-पांति और असमानता को मिटाना स्वतंत्रता का मूल उद्देश्य है। हर स्त्री और पुरुष को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का समान अवसर मिलना चाहिए। न्याय तक सबकी पहुँच ही असली आज़ादी है। यदि समाज के किसी वर्ग को समान अधिकार नहीं मिलता, तो आज़ादी अधूरी रह जाती है। इसलिए हमें स्वतंत्रता का अर्थ केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे एक ऐसे समाज में बदलना चाहिए जहाँ न्याय और समानता सर्वोपरि हों।
3. पर्यावरण और आज़ादी का रिश्ता:-
आज़ादी केवल इंसानों तक सीमित नहीं, बल्कि प्रकृति और पर्यावरण से भी जुड़ी है। स्वच्छता, हरियाली, नदियों और जंगलों का संरक्षण ही सच्ची स्वतंत्रता है। धरती माँ की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी स्वतंत्रता का आनंद ले सकें। यदि हम प्रदूषण और पर्यावरण विनाश को न रोक पाए, तो हमारी आज़ादी अधूरी रह जाएगी। असली स्वतंत्रता तभी संभव है जब हम स्वच्छ वातावरण और संतुलित पारिस्थितिकी को बनाए रखें। यह आज़ादी हमें केवल जीने का अधिकार नहीं देती, बल्कि जिम्मेदारी भी सौंपती है कि हम धरती की सुंदरता को बचाएँ।
4. धार्मिक स्वतंत्रता और भाईचारा:-
भारत की पहचान विविधता और भाईचारे में है। असली आज़ादी का मतलब है कि हर धर्म के लोग बिना डर और भेदभाव के अपने विश्वास का पालन कर सकें। धार्मिक स्वतंत्रता समाज में प्रेम, सहयोग और आपसी सम्मान को बढ़ावा देती है। जब इंसान धर्म से ऊपर उठकर मानवता को अपनाता है, तब सच्ची आज़ादी फलती-फूलती है। यह केवल पूजा-पाठ का अधिकार नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ भाईचारे से रहने का संदेश है। सभी धर्मों का दिल जीतना ही स्वतंत्रता का सही मायना है। यही भारत की शक्ति है और यही आज़ादी का गौरव है।
5. लोकतंत्र और आज़ादी की नींव:-
लोकतंत्र की असली ताकत नागरिकों की भागीदारी, मीडिया की स्वतंत्रता और न्यायपालिका की स्वायत्तता में है। आज़ादी तभी सार्थक होती है जब हर नागरिक अपनी आवाज़ उठा सके और हर विचार को महत्व दिया जाए। लोकतांत्रिक आज़ादी केवल चुनावों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के हर हिस्से की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर है। मीडिया यदि स्वतंत्र रहे और न्यायपालिका निष्पक्ष बनी रहे, तो आज़ादी मजबूत होती है। लोकतंत्र का यही आधार है कि हर व्यक्ति समान रूप से देश की प्रगति और समाज की समृद्धि में योगदान दे सके। यही स्वतंत्रता का सही रूप है।
निष्कर्ष:-
आज़ादी कोई साधारण उपलब्धि नहीं, बल्कि एक अमूल्य धरोहर है। यह हमें बाहरी बंधनों से मुक्त ही नहीं करती, बल्कि सोचने, जीने, बोलने और अपनाने की स्वतंत्रता देती है। असली स्वतंत्रता तब है जब हर इंसान को समान अधिकार मिले, पर्यावरण सुरक्षित रहे, धार्मिक भाईचारा कायम रहे और लोकतंत्र मजबूत बने। हमें इसे केवल मनाना ही नहीं, बल्कि बचाना भी है। आज़ादी सस्ते में नहीं मिली, इसके लिए अनगिनत बलिदान हुए हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस धरोहर को संजोकर आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएँ। यही सच्ची स्वतंत्रता का संदेश है।
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