स्वार्थ की दुनिया मे हर कोई अपना कपड़ा ओढ़ लिए,
कोई तो रंग बिरंगी, कोई तो साधारण,
कोई तो बाबू बने बैठे है, कोई तो असाधारण।
हर कोई अपना मुँह फेर लिए,
दिलसे दिल का रिश्ता तोड़ लिए,
हर कोई भागता फिर रहा है धन दौलत के लिए।
कोई तो रंग बिरंगी, कोई तो साधारण,
कोई तो बाबू बने बैठे है, कोई तो असाधारण।
हर कोई अपना मुँह फेर लिए,
दिलसे दिल का रिश्ता तोड़ लिए,
हर कोई भागता फिर रहा है धन दौलत के लिए।
कोई बने जात का रोगी, कोई बने मन का रोगी,
कोई हुए धन का रोगी, कइयों ने बहम पाले है ऊंच और नींच का।
किस्से मै दोस्ती करू, किस्से मै बात करू,
किस्से मै वह बाते सुनाऊ,
हर कोई यहाँ अजीब नशा मे दुबे है।
मै हूँ वह मानब जो हज़ारो लाखो भीड़ मे,
मै एक मानब खोज रहा हूँ।
भोलेपन सबका पसंद है,
भोले मानब सबका प्रिय,
मधुर बानी सबका प्रिय,
सुमधुर ब्यबहार सबने सराहते है,
है कोई ऐसा मानब 16 कलाओ से परिपूर्ण,
जो छाती ठोक्कर कह सके मै हूँ ऐसा,
मै बस ऐसा निर्मल चरित्रवान ब्यक्ति खोज रहा हूँ।
तप्त धुप मे पीपल बृक्ष की छाया शीतलता देती है,
मा की गोद मे सुकून की नींद देती है, अशांत ये मानब मन,
इधर उधर भागता फिर रहा है,
गन्दा बाते जुबान ख़राब कर रखा है
भड़काऊ बाते माहौल ख़राब कर रखा है।
है कोई मानब जो लोगो की मन की ज्वाला को शांत कर सके,
अपनी बानी से भाईचारा को बढ़ा सके,
मानब ह्रदय को जोड़नेवाला,
मै ऐसे एक अच्छा इंसान को खोज रहा हूँ।
दुनिया मे भीड़ बड़ी है,
इस भीड़ मै खोया जा रहा हूँ,
मेरा तरफ कोई हात ना बढ़ाया,
नजर घुमाया देखा हरेक हात मेरा ही तरह।
जिंदगी के जंजीर ने जकड़ रखा है,
मेरा तलाश जारी है,
एक बड़ा दिलवाला खोज रहा हूँ।
जातपात की लड़ाई करानेवाला खेल रहे है,
ऊंच, नींच का भेदाभेद करनेवाला मूर्खता मे है,
कुछ लोग तो इसमें मौज कर रहे है,
और कुछ लोगो का स्वास रुक रहे है।
धर्म के धजाधारिओ ने धर्म बेच रहे है,
झूठे नेताओं ने झूठे बादे कर रहे है।
सच्चा इंसान बहुत बिरल है,
दिल और जुबान एक ही बात करनेवाला,
मै वह सच्चा इंसान खोज रहा हूँ।
दुनिया की भीड़ मे लाखो हतभागा को देख रहा हूँ,
गम की छाए मे जी रहे है है लाखो चेहरा को देख रहा हूँ,
संघर्षरत लाखो लोगो को देख रहा हूँ,
दर दर भटकते उन लोगो को देख रहा हूँ,
है कोई महात्मा? अशांत बताबारण को शांत कर सके,
लोगो के दिलो को जोड़ सके,
मै एक ऐसा महात्मा को खोज रहा हूँ।
बुराई मे बुरी तरह लोग फसे हुए है,
अंध बिस्वास और कु प्रथाओ मे लोग जकड़े हुए है,
हर दिन मुर्ख और गवारो की भीड़ बढ़ती जा रहे है,
सैकड़ो लोग जीबन की अंधकार मे जी रहे है।
जीबन मे ज्ञान का दीप ज्वालानेवाला,
जीबन मे सच की राह दिखानेवाला,
अपनी बानी से मन को मोह करनेवाला
सर्बपरी जीबन की मुक्तिदाता,
मै ऐसे महामानब को खोज रहा हूँ।
चलो एक अच्छा मानव खोजते हैं,
जिनमे होते हैं समर्पण, साहस, न्याय, करुणा और सच्चाई की मिसाल,
वह होते है धैर्यशील, समाज का साहारा,
आंखों में उनकी चमक दिखे, सम्मान का है वह प्यारा,
दयालुता की धारा बहता है, जो बनाता है उसको सबका प्यारा।
स्वाभिमानी जो सबको सीखाते हैं सोच समझकर जो करते हैं बातें,
सच्चाई का वह मार्ग बताते, जो जीने का संकल्प का सार बताते,
वह है अच्छा मानव, वह एक महान उपहार।
चलो एक अच्छा मानव खोजते हैं, जो है सच्चा और अमित,
सूरज की किरण की तरह वह चमकता है,
सच्चाई के सितारों को छूने वाला बह चमकता हुआ तारा है,
प्रेम की राह में मानवता की पाठ पढ़ाने वाला,
आत्मा को निर्मल करने वाला वह जीवन का गहरा सागर है।
संगीत की तरह गूंजता है उनकी बातें,
प्राकृतिक गुणों में सौंदर्य का वह सार है।
चलो एक अच्छा मानब खोजते है,
धरती के गोदी मे जीबन का वह निर्माणकारी है।
सभी को उत्थान के लिए प्रेरित करने वाला बह संदेशवाहक है,
सभी को कोशिश यह होना चाहिए सच्चे मानव बनकर जीना चाहिए।
प्रेम और समर्पण की मिसाल बनकर समाज को प्रेरित करना चाहिए,
मैं एक अच्छा मानव हूं और मैं एक अच्छा मानव खोज रहा हूं,
प्रेम समर्पण और सहयोग की में जीवन का धरोहर हूं।
प्रस्तावना :-
मैं एक महान इंसान की तलाश में हूँ। इस ब्लॉग पोस्ट में हम जीवन के उन पहलुओं पर चर्चा करेंगे कि जीवन किस प्रकार खोज और यात्रा के माध्यम से एक महान इंसान को पहचान सकता है। जीवन उन बिंदुओं पर भी विचार करेगा, जो हमें एक अच्छे इंसान और महान पुरुष बनने में सहायता करते हैं।
मैं एक महान इंसान की तलाश में हूँ। इस ब्लॉग पोस्ट में हम जीवन के उन पहलुओं पर चर्चा करेंगे कि जीवन किस प्रकार खोज और यात्रा के माध्यम से एक महान इंसान को पहचान सकता है। जीवन उन बिंदुओं पर भी विचार करेगा, जो हमें एक अच्छे इंसान और महान पुरुष बनने में सहायता करते हैं।
आत्मचिंतन :-
इस संसार में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो आत्मचिंतन न करता हो। आत्मचिंतन हमेशा सही विषय और सही लक्ष्य पाने के लिए ही किया जाना चाहिए। भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आत्मचिंतन आवश्यक है। आत्मचिंतन हमारी क्षमता को बढ़ाता है कि हम किसी भी विषय पर सही सिद्धांत लागू कर सकें और सही निष्कर्ष तक पहुँच सकें।
आत्ममनन :-
जब हम किसी विषय पर गहराई से विचार करते हैं, तो इस प्रक्रिया को मंथन कहा जाता है। आत्ममनन सिद्धांत का एक परिपूर्ण रूप है। महान इंसान बनने के लिए आत्ममनन और आत्मचिंतन सदा किया जाना चाहिए। यही कारण है कि जब हम आत्मचिंतन और आत्ममनन करते हैं तो हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति के और करीब पहुँचते हैं।
प्रथम चरण :-
जब हम किसी सिद्धांत पर पहुँचते हैं तो पहला चरण आत्मचिंतन और आत्ममनन ही होता है। पहला चरण अनुकूल भी हो सकता है और कठिन भी। आगे बढ़ने के लिए हमें पहला कदम उठाना ही पड़ता है। और यही पहला कदम आगे का मार्ग तय करता है। आगे की सिद्धांत की नींव भी यही पहला कदम है क्योंकि इसी में हम परखते भी हैं।
सही सिद्धांत :-
जीवन में किसी भी परिवर्तन के लिए सही सिद्धांत का होना अत्यंत आवश्यक है। सही सिद्धांत अपनाना और उसे लागू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। सही सिद्धांत भी गहन चिंतन का परिणाम होते हैं। सही सिद्धांत को लेना साहस का भी रूप है और इसका अनुभव अद्भुत होता है।
चुनौती को स्वीकार करना :-
चुनौती स्वयं को निखारने का माध्यम है। यदि चुनौती नहीं है, तो हम जीवन में स्वयं को मजबूत नहीं बना सकते। एक सशक्त इंसान बनने के लिए चुनौती को स्वीकार करना ही होगा। चुनौती स्वीकार करने से हम समझ पाते हैं कि हम कहाँ खड़े हैं। चुनौती कभी मनोनुकूल होती है और कभी प्रतिकूल। स्वयं को परखने के लिए चुनौती स्वीकार करनी पड़ती है।
परखना :-
एक महान इंसान के लिए जीवन में किसी भी बात को बिना परखे स्वीकार नहीं करना चाहिए। चाहे छोटी बात हो, अपने विश्वास और आत्मा की परख हो या कोई बड़ी बात—हर विषय पर परीक्षण आवश्यक है। अंधविश्वास बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। जब हम स्वयं को निरंतर चुनौती देते हैं, तब हम समाज में अपनी धार बनाए रख सकते हैं। इस विकास को सफलता में बदलने के लिए हमेशा स्वयं को परखते रहना चाहिए।
अनुभव की गहराई पर विचार :-
अनुभव जीवन का ऐसा आधार है जो हमें कहीं भी, कभी भी सहारा दे सकता है। समाज में अनुभव को भी प्राथमिकता दी जाती है। समाज में अपनी अहमियत दिखाने और बढ़ाने के लिए अनुभवी होना आवश्यक है। अनुभवी बनने के लिए अनुभवों पर गहराई से चिंतन करने की क्षमता होनी चाहिए।
पर्यवेक्षण की क्षमता :-
एक महान इंसान में किसी भी विषय का पर्यवेक्षण करने की क्षमता होनी चाहिए। किसी भी विषय पर जल्दबाज़ी करना इंसान के लिए हानिकारक हो सकता है। किसी भी विषय पर जल्दबाज़ी में निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। यानी हमारे हर कार्य में पर्यवेक्षण की विशेष भूमिका होती है। केवल पर्यवेक्षण के आधार पर ही हम निर्णय ले सकते हैं या किसी सिद्धांत का चयन कर सकते हैं।
सत्यवादी होना और सदैव सत्य के साथ खड़ा रहना :-
एक अच्छे और श्रेष्ठ व्यक्ति की विशेषता यही है कि वह सत्यवादी होता है और सदैव सत्य के साथ खड़ा रहना पसंद करता है। सत्यवादी होने के साथ-साथ सही कार्य और सही सिद्धांत किसी व्यक्ति के नाम को अमर बना सकते हैं। जब हम सत्य के मार्ग पर चलते हैं, तो कठिनाइयाँ अवश्य आती हैं, लेकिन किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सत्यवादी होना ही आवश्यक है। केवल सत्यवादी व्यक्ति ही सत्य के साथ खड़े रहने का साहस रखता है।
सिद्धांत पर अडिग रहना :-
सिद्धांत मानव जीवन की किसी भी परिस्थिति का मोड़ होते हैं। सिद्धांत सदैव सत्य पर आधारित होने चाहिए। सही समय पर सही सिद्धांत अपनाना और उस पर अडिग रहना भी एक बड़ी बात है। अधिकांश लोग सही सिद्धांत को अपनाने या उस पर टिके रहने में असफल होते हैं। एक सच्चे इंसान के लिए सही सिद्धांत को लेना और उसे लागू करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। परिस्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, यदि कोई सही सिद्धांत पर चलता है तो वही सिद्धांत उसे अमर बना सकता है।
निष्कर्ष :-
मैं एक महान इंसान की तलाश में हूँ। यह ब्लॉग पोस्ट हमें सिखाती है कि किसी साधारण व्यक्ति का महान इंसान बनना और स्वयं को पहचानना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है। यदि कोई सत्यवादी नहीं है और सत्य के साथ खड़े होने का साहस नहीं रखता, तो जीवन में कुछ भी मायने नहीं रखता। जीवन में सही सिद्धांतों को अपनाकर और उन्हें लागू करके ही श्रेष्ठता प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
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