जीबन एक सुंदरता की प्रतिक है,
किसीने इसमें खलल डाली है,
किसीने इसमें शांति भंग की है,
किसी ने इस जीवन को तहस नहस की है।
किसीने इसमें खलल डाली है,
किसीने इसमें शांति भंग की है,
किसी ने इस जीवन को तहस नहस की है।
उन्मादी शक्तियों ने उपद्रव मचाए हुए हैं,
रूढ़िवादी ने उपद्रव मचाए हुए है
विघटनकारी शक्तियों ने आतंक मचाए हुए हैं
अब तो भीषण रण होगा।
रूढ़िवादी ने उपद्रव मचाए हुए है
विघटनकारी शक्तियों ने आतंक मचाए हुए हैं
अब तो भीषण रण होगा।
अब तो भीषण रन होगा,
बिचारो की क्रांति आएगा,
नए बिचार आएगा, नया दीगन्त खुलेगा।
जब धरती पर अंधकार की बादल छा जाते है,
बिचारो मे बिघ्नो ता आती है,
बिबेक मर जाति है, कायरता बढ़ जाति है,
तब अंधकार की बादलों मे एक प्रकाश की किरण छा जाते है,
वह लड़ाई है, प्रकाश की ओर बढ़ने की,
और वह लड़ाई भीषण होगा।
तब अंधकार की बादलों मे एक प्रकाश की किरण छा जाते है,
वह लड़ाई है, प्रकाश की ओर बढ़ने की,
और वह लड़ाई भीषण होगा।
अब तो भीषण रन होगा,
रनबाकुरो ने हुंकार भरा है,
गगन भेदी साज सज्जा है,
सुन्दर धरा को धस्त करना चाहते है,
सुन्दर धरा को धस्त कर बसाना चाहते है अपना साम्राज्य।
जिन्होंने अहंकार की दलील पर घर बनाए है,
मिथ्या की बुनियाद पर साम्राज्य बनाए है,
धस्त करना चाहते है सुंदर यह धरा को,
नष्ट करना चाहते है मानवता की बुनियाद को,
अहंकार और धोखेबाजी जिनके अंदर कूट-कूट कर भरा है।
सच्चाई से वह लोग परे है, सच्चाई से वह लोग भागते है,
और वह लड़ाई होगा सच्चाई की प्रतिष्ठा की,
अब तो भीषण रन होगा।
अब तो भीषण रन होगा,
अंधकार छाया हुआ है,
दिग्भ्रमित हर कोई, हर किसीको कर रहे है,
अंधकार की खाई में चले जा रहा है,
और उस अंधकार से निकलने की एक जबरदस्त लड़ाई होगा,
लड़ाई वह भीषण होगा उस झूठे मिथ को तोड़ने की,
अब तो भीषण रन होगा उस सच्चाई की प्रतिष्ठा की।
जिन्होंने झूठ की दलील पर किताब बनाई है,
जिन्होंने झूठ की दलील को हाथियार बनाई है।
जिन्होंने झूठ की बल पर साम्राज्य बनाई है,
जिन्होंने झूठ को ही आस्था बनाई है।
एक तेज लहर आएगा,
धस्त हो जायगा उस झूठ की बुनियाद,
एक नए बिचारो की उदय होगा।
अब तो भीषण रन होगा।
परिवर्तन की लहर आएगी, बिचार की क्रांति आएगी,
जहाँ,धूल, मिट्टी, सड़ा, गला बिचार को फेककर एक नया बिचार आएगी।
मन मे एक नया बिचार की लहर दौरेगी,
जो बिचार उद्दीपना से भरा होगा, वह बिचार नया खयाल की होंगी।
अब तो भीषण रन होगा,
जिन्होंने असलियत छुपाने के लिए मुखौटा लगाई है,
जिन्होंने एक मुँह से दो बात कहते आई है,
जिन्होंने मानबता से मुँह फेर लिए है,
जिन्होंने मानबता को भूल गये है।
एक नया बिसात बिछाई जायगी,
एक नया इतिहास लिखी जायगी
अब तो भीषण रन होगा, नया बिचारो का सन्देश आएगा,
युग परिवर्तन की द्वार खुलेगा, एक नया क्रांति आएगा।
ज्ञान की अज्ञानता पर प्रचंड प्रहार होगा,
बिचारो की सैलाब आएगा,
अज्ञानता की बेड़ाजाल को तोड़कर,
एक नया युग का शुरुबात होगा।
अब तो भीषण रन होगा।
अब तो भीषण रन होगा,
जिस बिचारधारा को हाथियार बनाये हो,
जिस बिचार के कारण जनहानि होते है,
जिस बिचार के कारण उन्नति के मार्ग मे बाधा होते है,
जिस बिचार ने शांति और सद्भाब का लिए बाधा होते है,
अब समय आ गया है ऐसे बिचार को कूड़ेदान मे फेकने की,
अब समय आ गया नए बिचार का निर्मल हवा बहने की।
अब तो भीषण रन होगा, साम्राज्यवादियों ने जड़े जमाए हैं,
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के जड़े को,
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के मनसूबे को,
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के साम्राज्य को।
भ्रस्ट शासक की जंगल राज की अंत होगा,
नए बिचार के साथ नए राज का स्थापित होगा,
अब तो भीषण रन होगा।
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के जड़े को,
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के मनसूबे को,
उखाड़ फेकि जाएगी साम्राज्यवादियों के साम्राज्य को।
भ्रस्ट शासक की जंगल राज की अंत होगा,
नए बिचार के साथ नए राज का स्थापित होगा,
अब तो भीषण रन होगा।
अब तो भीषण रन होगा, जो लोग आतंक की खेती की है,
जो लोग अन्याय को बढ़ाबा दी है, जहाँ स्वास की कीमत नहीं है।
ऐसे राज को उखाड़ फेकि जाएगी, राज होगा एक नबीनतम बिचार का,
राज होगा एक नया सपना सजाने की,
राज होगा एक नया न्याय ब्यबस्था की,
राज होगा एक नया स्वाधीनता की।
अब एक भयंकर युद्ध होगा। इस लेख में, हम सामूहिक परिवर्तन पर चर्चा करेंगे। हम जीवन में होने वाले परिवर्तनों पर चर्चा करेंगे और यह भी बात करेंगे कि उनकी ओर कैसे बढ़ा जाए। हम सामूहिक परिवर्तन या समाज में किसी भी सुधार पर भी चर्चा करेंगे। हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि संस्कृति और देश में स्थिति कैसे बदल रही है, और लोगों की मानसिकता में क्या बदलाव आ रहा है।
परिवर्तन की इच्छा:-
जो लोग परिवर्तन चाहते हैं, वे सामूहिक परिवर्तन में योगदान करते हैं। किसी भी मुद्दे के संबंध में कुछ लोगों के मन में सामूहिक परिवर्तन की भावना उत्पन्न होती है, जो उन्हें उस बात को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करती है जो अब एक भयंकर युद्ध होगा। जब परिवर्तन की इच्छा मजबूत होती है, तो दूसरे परिवर्तन की ओर बढ़ना संभव होता है।
विचारों में परिवर्तन:-
अब एक भयंकर युद्ध होगा। इस वाक्य को पूरा करने के लिए एक सामूहिक संगोष्ठी और विचारों में परिवर्तन भी आवश्यक है। किसी भी घिसे-पिटे विषय से असंतुष्ट होना या सामूहिक परिवर्तन के लिए विचारों को बदलना आवश्यक है। विचार परिवर्तन ने दुनिया की कई क्रांतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब एक भयंकर युद्ध होगा। इस कथन को पूरा करने के लिए विचारों में परिवर्तन आवश्यक है।
मानसिकता में परिवर्तन:-
दूसरे परिवर्तन की ओर बढ़ने के लिए मानसिकता में बदलाव होना चाहिए। मानसिकता में परिवर्तन अब एक भयंकर युद्ध होगा। यह दृष्टिकोण लोगों के एक समूह को बदलने के लिए प्रेरित करता है। मानसिकता में परिवर्तन के लिए, विचारों का प्रभाव मजबूत होता है और लोगों के एक बड़े समूह को प्रभावित करता है जो परिवर्तन के लिए काम कर सकते हैं।
प्रचलित धारणा के खिलाफ आवाज उठाना:-
जब यह पाया जाता है कि प्रचलित धारणा लोगों के अनुरूप नहीं है, तो उस धारणा को बदलना भी लोगों को दूसरे परिवर्तन की ओर इंगित करता है। यह अनावश्यक है कि प्रचलित अवधारणा हमेशा सत्य होगी, या लोग सही धारणा को भी गलत साबित करने की कोशिश कर सकते हैं। अवधारणा की विचारधारा कुछ भी हो, लोग यह बयान देते हैं कि इसे अपना बनाने के लिए अब एक भयंकर युद्ध होगा।
कठोर मानसिकता के खिलाफ खड़ा होना:-
कभी-कभी, लोग बड़े पैमाने पर अपने मन में किसी भी प्रकार की रूढ़िवादी मानसिकता के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। उस रूढ़िवादी मानसिकता को बदलने के लिए खड़े होने वाले लोग एक और परिवर्तन की ओर ले जाते हैं। रूढ़िवादी मानसिकता के खिलाफ खड़े लोगों के एक बड़े समूह को देखकर यह बात स्पष्ट हो जाती है कि यह एक भयंकर युद्ध होगा। लोगों की बुद्धिमत्ता किसी भी रूढ़िवादी मानसिकता के असली चेहरे को उजागर करने में मदद करती है।
अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना:-
किसी भी तरह, जब कहीं लंबे समय तक अन्याय जारी रहता है, तो एक समय पर लोगों का एक बड़ा समूह उस अन्याय के खिलाफ खड़ा हो जाता है। चूंकि अन्याय के खिलाफ बोलना मनुष्यों का एक स्वाभाविक गुण है, यह गुस्सा कभी-कभी एक बड़ा रूप ले लेता है, जो बाद में परिवर्तन की ओर ले जाता है। एक और परिवर्तन की ओर बढ़ने के लिए, सभी को अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए ताकि सामाजिक जिम्मेदारी बरकरार रहे।
सामाजिक असंतुलन:-
अब एक भयंकर युद्ध होगा। इस लेख को पूरा करने के लिए, सामाजिक असंतुलन भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। सामाजिक असंतुलन एक नए समाज के निर्माण में भूमिका निभाता है। सामाजिक असंतुलन कभी-कभी व्यापक हो जाता है और एक परिवर्तन की ओर ले जाता है। कुछ स्थानों पर, सामाजिक असंतुलन व्यापक हो गए हैं या परिवर्तन की ओर बढ़ रहे हैं। एकमात्र बेहतर भविष्य नई व्यवस्था के साथ परिवर्तन है।
सरकार से असंतोष:-
विभिन्न देशों में, लोग अपने शासन से असंतुष्ट हो गए हैं और परिवर्तन की ओर बढ़े हैं। सरकार से असंतुष्ट होना एक सामान्य बात है, लेकिन जब सरकार लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में असमर्थ होती है, तो लोगों का गुस्सा बढ़ जाता है और एक बड़े युद्ध का रूप ले लेता है। इस कथन को पूर्णता देने के लिए कि एक भयंकर युद्ध होगा, सरकार से असंतोष भी एक प्रमुख कारण है।
बड़े परिवर्तन की ओर:-
कभी-कभी समाज विभिन्न मुद्दों को लेकर एक बड़े परिवर्तन की ओर बढ़ता है, और यह परिवर्तन समाज के सभी वर्गों या स्तरों पर हो सकता है। कभी-कभी, प्रगति के लिए भी, समाज में आमूल-चूल परिवर्तन देखे जाते हैं। कानूनी प्रणाली में भी बड़े परिवर्तनों की आवश्यकता है। और, कभी-कभी समाज मानसिक, सामाजिक या राजनीतिक पहलुओं में बड़े परिवर्तनों की ओर बढ़ता है।
निष्कर्ष:-
अब एक भयंकर युद्ध होगा। यह पोस्ट संक्षेप में हमें एक परिवर्तन की ओर आगे बढ़ने की शिक्षा देती है। यह पोस्ट हमें यह भी सिखाती है कि चाहे पुरानी व्यवस्था में बदलाव हो या नई मानसिकता में, यदि लोगों के विचारों में बदलाव आता है तो समाज में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं। केवल विचारों में बदलाव ही बड़े परिवर्तनों का कारण बनता है। विचारों में बदलाव सही या गलत हो सकता है।
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